The Selfish Gene: How Your Genes Control You? | Hindi Audiobook | क्या तुम सच में आज़ाद हो?
Sep 13, 2025
Welcome to the Hindi Audiobook Summary of Richard Dawkins’ legendary book The Selfish Gene. इस वीडियो में हम explore करेंगे: कैसे तुम्हारे genes तुम्हारी ज़िंदगी को control करते हैं 🧬 क्यों हर इंसान एक survival machine है 🤖 Game theory, culture और memes का असली secret 🧠 और सबसे बड़ा सवाल: क्या तुम सच में free हो? 👉 ये summary सिर्फ़ एक review नहीं है – ये तुम्हें अपने जीवन को समझने और redesign करने का रास्ता दिखाएगी। 🎵 Background Music Credit 🎵 Cylinder Five by Chris Zabriskie Licensed under Creative Commons: Attribution 4.0 License 🔗 https://creativecommons.org/licenses/by/4.0/ Source: http://chriszabriskie.com/cylinders/
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सोचो अगर मैं आपसे कहूं कि आपकी जिंदगी
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आपके कंट्रोल में नहीं है बल्कि आपके अंदर
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बैठे छोटे-छोटे डीएनए के टुकड़े आपको नचा
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रहे हैं। जैसे पपेट मास्टर अपने पपेट को
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नचाता है। तो यस शॉकिंग है ना? और यही है
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द सेल्फिश जीन का मेन फंडा कि हम ह्यूमंस,
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एनिमल्स, इवन प्लांट्स सब के सब एक तरीके
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से अपने जींस के लिए सर्वाइवल मशीनंस हैं।
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रिचर्ड डॉकिंस लिखते हैं, वी आर सर्वाइवल
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मशीनंस, रोबोट व्हीकल्स ब्लाइंडली
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प्रोग्राम्ड टू प्रिजर्व द सेल्फिश
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मॉलिक्यूल्स नोन एस जींस। हम सर्वाइवल
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मशीनंस हैं। ऐसे रोबोट जिन्हें बिना सोचे
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समझे उन सेल्फिश मॉलिक्यूल्स को बचाने के
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लिए प्रोग्राम किया गया है। जिन्हें हम
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जींस कहते हैं।
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पिक्चर कीजिए चंडीगढ़ का एक स्टूडेंट 20
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साल का अपना करियर बनाने के लिए स्ट्रगल
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कर रहा है। उसका दिन शुरू होता है जिम के
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एक सेट पुश अप्स से क्योंकि बॉडी फिट रखनी
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जरूरी है। उसका माइंड में एक सोच आती है।
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मैं स्ट्रांग क्यों बनना चाहता हूं? उसका
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जवाब डॉकिंस देते हैं। तुम्हारी चाहत,
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तुम्हारी एनर्जी, तुम्हारी अट्रैक्शन सब
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कुछ एक हिडन प्रोग्रामिंग का पार्ट है।
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जींस ने तुम्हें डिजाइन किया है ताकि तुम
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जिंदा रहो और अपने जींस को नेक्स्ट जनरेशन
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में पास कर सको। जींस अपना काम कर रहे हैं
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पर कंट्रोल तुम ले सकते हो।
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बहुत लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। डॉकिंस का
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मतलब यह नहीं है कि हर इंसान सेल्फिश है।
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उनका कहना है इट इज नॉट द जींस देमसेल्व्स
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दैट आर सेल्फिश और अनसेल्फिश बट देयर
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इफेक्ट्स जींस खुद सेल्फिश या अनसेल्फिश
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नहीं होते हैं। लेकिन उनके इफेक्ट्स ऐसे
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होते हैं जैसे वो सेल्फिश हो।
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सोच के देखो जब एक मां अपने बच्चे को दूध
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पिलाती है। वो लगता है सबसे अनसेल्फिश
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काम। लेकिन बायोलॉजी के लेवल पर वह जीन
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प्रोग्रामिंग है। जींस चाहते हैं कि उस
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बच्चे के जींस भी सर्वाइव करें। मतलब मां
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के अंदर भी एक सेल्फिश प्रोग्रामिंग चल
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रही है जो अपने ही कॉपी को फ्यूचर में
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भेजने की कोशिश कर रही है।
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मान लो एक क्रिकेट मैच हो रहा है इंडिया
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वर्सेस पाकिस्तान का। सबको लगता है हर
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प्लेयर अपनी टीम के लिए खेल रहा है। लेकिन
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अगर आप माइक्रोस्कोपिक लेवल पर देखो हर
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प्लेयर के अंदर एक सेल्फिश मोटिवेट
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मोटिवेशन है। अपना करियर सिक्योर करना
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अपना नाम बनाना अपनी लेगसी बनानी। जींस भी
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एक्सजेक्टली वैसे ही है। वो अपना नाम
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डीएनए फ्यूचर में सिक्योर करना चाहते हैं।
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डॉकिंस कहते हैं अ जीन इज अ रेप्लिकेटर। द
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जीन इज अ बेसिक यूनिट ऑफ़ सेल्फिशनेस। जीन
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एक रेप्लिकेटर है। जीन सेल्फिशनेस का
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बेसिक यूनिट है।
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अब इमेजिन करो एक ज़ेरॉक्स मशीन। अगर तुम
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एक पेज डालते हो वो अपनी कॉपी बनाता है।
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जींस भी एक तरह की ज़ेरोक्स मशीन है। वो
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चाहते हैं कि उनकी कॉपी बनती रहे। चाहे
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तुम खुश हो या दुखी सक्सेसफुल हो या
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फेलियर। इंडियन कॉन्टेक्स्ट में सोचो। एक
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फैमिली जो बार-बार बोलती है शादी कर ले,
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बच्चे कर ले, हंसी आती है। पर एक
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बायोलॉजिकल सेंस में यह सिर्फ एक जीन
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रेप्लिकेशन का प्रेशर है। डॉकिंस ने एक और
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जबरदस्त कांसेप्ट इंट्रोड्यूस किया। मीम।
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आज हम मीम्स को जोक्स के रूप में जानते
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हैं। लाइक इंस्टा रील्स और WhatsApp
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फॉरवर्ड्स। लेकिन डॉकिंस कहते हैं कि जैसे
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जींस बायोलॉजिकल इंफॉर्मेशन को रेप्लिकेट
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करते हैं वैसे ही मीम्स कल्चरल इंफॉर्मेशन
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को रेप्लिकेट करते हैं।
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एग्जांपल पढ़ाई ही जिंदगी का सबसे बड़ा
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हथियार है। यह एक इंडियन फैमिली मीम है जो
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जनरेशन टू जनरेशन पास होता आया है। यह भी
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एक तरीका है अपने एनवायरमेंट में सर्वाइव
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करने का।
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अब एक बड़ी इंटरेस्टिंग बात जींस सेल्फिश
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हैं। बट इसका मतलब यह नहीं है कि इंसान
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हमेशा सेल्फिश बिहेवियर करेगा। कभी-कभी
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एल्ट्रिज्म भी एक सेल्फिश स्ट्रेटजी होता
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है। एल्ट्रिज्म मतलब दूसरों के बारे में
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सोचना। डॉकिंस एल्ट्रिज्म एट द जीन लेवल
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लीड्स टू सेल्फिशनेस एट द ग्रुप लेवल। जीन
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लेवल पर अल्टरिज्म ग्रुप लेवल पर
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सेल्फिशनेस लाता है। इंडियन एग्जांपल एक
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जॉइंट फैमिली में एक एल्डर सन अपने छोटे
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भाई बहनों के लिए सैक्रिफाइस करता है।
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दिखने में लगता है कि वो सेल्फलेस है। पर
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जींस के हिसाब से वो अपनी ही फैमिली के
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जींस को सर्वाइव करवा रहा है। मतलब अपने
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जींस का फायदा हो रहा है। अभी सोचो जब हम
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एक दोस्त के लिए हेल्प करते हैं या एक
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पार्टनर के लिए रिस्क लेते हो तो हमें
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लगता है कि यह हमारी फ्री विल है। डॉकिंस
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कहते हैं शायद नहीं। यह सब एक छुपा हुआ
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बायोलॉजिकल गेम है जो जींस के थ्रू चल रहा
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है।
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लाइफ इज नॉट अ मूवी ऑफ योर चॉइस। इट्स अ
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स्क्रिप्ट रिटन बाय योर डीएनए। जिंदगी
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तुम्हारी पसंद की फिल्म नहीं। कि ये
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तुम्हारे डीएनए की ही स्क्रिप्ट है। अब
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सवाल यह है अगर जींस इतने पावरफुल पपेट
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मास्टर हैं तो क्या हम बिल्कुल हेल्पलेस
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हैं? क्या हम अपनी जिंदगी का असली ड्राइवर
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नहीं है? या फिर कोई रास्ता है जहां इंसान
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अपने जींस को बीट करके अपने खुद का रास्ता
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चूज़ करें। यही सब जवाब हम एक्सप्लोर
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करेंगे पार्ट टू में। जहां हम बात करेंगे
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गेम थ्योरी, एवोल्यूशनरी स्ट्रेटजीस और
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इंसान के हिडन बिहेवियरल कोड्स के बारे
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में। स्टे ट्यूंड क्योंकि अभी खेल शुरू
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हुआ है।
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सोचो अगर जिंदगी एक गेम है तो तुम्हारी हर
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मूव किसके लिए है? तुम्हारे लिए या
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तुम्हारे जींस के लिए। क्रिकेट मैच, स्टॉक
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मार्केट ट्रेडिंग, मैरिज प्रपोजल्स सब एक
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तरह की स्ट्रेटजी गेम्स हैं। और डॉकिंस
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कहते हैं एवोल्यूशन इज नॉट अ स्ट्रेट
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लाइन। इट इज अ गेम ऑफ स्ट्रेटजीस।
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एवोल्यूशन सीधी रेखा नहीं है। यह
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स्ट्रेटजीस का खेल है। वेलकम बैक टू द
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सेल्फिश जीन का पार्ट टू। जहां हम
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एक्सप्लोर करेंगे गेम थ्योरी, सर्वाइवल
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स्ट्रेटजीस और जींस के हिडन रूल्स।
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इमेजिन कीजिए एक इंडियन फैमिली में शादी
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का सीजन चल रहा है। लड़का लड़की की फैमिली
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मिलती है। हर तरफ नेगोशिएशन चल रहा है।
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डरी कितनी होगी? शादी का बजट क्या होगा?
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कौन सेटल कहां करेगा? बाहर से लगता है यह
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एक इमोशनल डिसीजन है पर अंदर से यह एक
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स्ट्रेटजी गेम है। डॉगिंस कहते हैं द जीन
6:32
इज अ प्लेयर इन अ गेम एंड इट्स स्ट्रेटजी
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इज सर्वाइवल। जीन एक खिलाड़ी है खेल का और
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उसकी स्ट्रेटजी है सर्वाइवल। यानी
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तुम्हारी हर छोटी बड़ी चॉइस दोस्ती करना
6:43
पार्टनर सेलेक्ट करना इवन एक सोसाइटी
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ज्वाइन करना सब एक एवववोल्यूशनरी चेस गेम
6:48
है।
6:51
सबसे फेमस डॉकिंस एग्जांपल है हॉक और डओ
6:55
स्ट्रेटजी। हॉक मतलब एग्रेसिव फाइट अंटिल
6:59
विनो डाई। डओ मतलब पीसफुल। फाइट अवॉइड करो
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पर चांस मिले तो गैब करो। एक ऑफिस में दो
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एम्प्लाइज एक प्रमोशन के लिए फाइट कर रहे
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हैं। एक हॉक है। वो बॉस के सामने लाउड
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आर्गुमेंट्स करेगा। कॉम्पिटिटर्स को पुश
7:14
करेगा। एक डव है। वो पोलाइट होगा।
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डिप्लोमेसी यूज़ करेगा। वेट करेगा राइट
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अपोरर्चुनिटी के लिए। अगर दोनों हॉक हुए
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दोनों हार्म करेंगे अपने फ्यूचर ऑफिस
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पॉलिटिक्स में बर्बाद। अगर दोनों डव हुए
7:28
पीसफुल नेगोशिएशन पर एक आउटसाइडर हॉक आ
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गया तो वो दोनों को आउट कर देगा। डॉकिंस
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का फंडा बैलेंस ऑफ हॉक्स एंड डव्स एक
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सोसाइटी में नेचुरली इवॉल्व होते हैं।
7:40
लाइफ डजंट रिवार्ड ओनली अग्रेशन और ओनली
7:42
पेशेंस। इट रिवार्ड्स द राइट मिक्स।
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जिंदगी केवल आक्रामकता या केवल धैर्य का
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रिवार्ड नहीं करती। सिर्फ मिक्स को करती
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है। अब आता है एक जबरदस्त गेम। प्रिजनर्स
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डलेमा। सोचो। चंडीगढ़ में दो दोस्त एक
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छोटी क्राइम केस में पकड़े जाते हैं।
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पुलिस अलग-अलग इंटेरोगेशन रूम में बिठाती
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है। दोनों के पास ऑप्शन है। कंफेक्स कर
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कनंफेस करके दूसरे को फंसा दो। सेल्फिश
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चॉइस या चुप रहो कोपरेटिव चॉइस। रिजल्ट
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क्या होगा? अगर दोनों चुप रहे दोनों को कम
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सजा मिलेगी। अगर एक ने दूसरे को फंसाया वो
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फ्री होगा और दूसरा भारी सजा। अगर दोनों
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ने एक दूसरे को बिट्रे किया दोनों की वाट
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लगेगी। यही डलेमा है। शॉर्ट टर्म सेल्फिश
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चॉइस कभी लॉन्ग टर्म में नुकसान कर देती
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है। डॉकिंस कहते हैं सेल्फिश जींस ऑफन
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फाइंड कोपरेशन एस द बिगेस्ट लॉन्ग टर्म
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स्ट्रेटजी।
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सेल्फिश जींस के लिए भी कभी-कभी कोपरेशन
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ही बेस्ट लॉन्ग टर्म स्ट्रेटजी होता है।
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शादी में भी यही डलेमा होता है। एक
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पार्टनर अगर हमेशा अपना फायदा सोचेगा तो
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रिलेशनशिप टूटा हुआ रहेगा। लॉन्ग टर्म
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सर्वाइवल तभी पॉसिबल है जब दोनों कोपरेशन
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चूज़ करें।
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गेम थ्योरी में एक और जबरदस्त स्ट्रेटजी
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है। टिट फॉर टैट मतलब जो तुम्हारा साथ
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करेगा वैसे ही तुम वापस करोगे।
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इंडियन मोहल्ला एग्जांपल अगर तुम्हारे
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पड़ोसी ने तुम्हारे घर के बाहर गाड़ी गलत
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पार्क कर की तुम भी अगले दिन उनके घर के
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सामने पार्क कर दोगे। अगर वह तुम्हें
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दिवाली में मिठाई भेजते हैं तुम भी रिटर्न
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गिफ्ट भेज दोगे। डॉकिंस ने बताया कि टिट
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फॉर टैट एवोल्यूशन में एक सक्सेसफुल
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स्ट्रेटजी है क्योंकि यह कोपरेटिव स्टार्ट
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करता है। चीटिंग होने पर वापस जवाब देता
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है और अगर सामने वाला सुधर जाए तो फिर से
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कोपरेट करता है। काइंडनेस विद मेमोरी इज
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स्ट्रांगर देन ब्लाइंड काइंडनेस। याददाश्त
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वाली दया अंधी दया से ज्यादा स्ट्रांग
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होती है।
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अब एक बहुत इंपॉर्टेंट कांसेप्ट किन
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सेक्शन मतलब इंसान और जानवर अपने फैमिली
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मेंबर्स के लिए ज्यादा सैक्रिफाइस करते
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हैं क्योंकि उनके जींस कॉमन होते हैं। एक
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एल्डर भाई अपनी छोटी बहन की शादी के लिए
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अपना पैसा कंट्रीब्यूट करता है। लगता है
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वह सेल्फलेक्स एक्ट है। पर जींस के लेवल
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पर उसने अपने ही डीएनए को सर्वाइव करने
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में हेल्प किया। डॉकिंस कहते हैं अ जीन ऑफ
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एल्ट्रिज्म कैन स्प्रेड इफ इट बेनिफिट्स
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कॉपीज ऑफ इटसेल्फ इन अदर इंडिविजुअल्स।
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एल्ट्रिज्म के जीन तभी फैलता है जब वह
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अपनी कॉपी को दूसरे इंडिविजुअल्स में
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बेनिफिट करता है। इसीलिए इंडियन सोसाइटी
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में फैमिली फर्स्ट कल्चर इतना स्ट्रांग
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है। यह सिर्फ संस्कार नहीं है। यह
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बायोलॉजिकल प्रोग्रामिंग है।
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फ्रेंडशिप ही एक गेम है। तुम इन्वेस्ट
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करते हो टाइम, एनर्जी, कभी पैसा,
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एक्सपेक्टेशन के साथ कि सामने वाला भी
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फ्यूचर में तुम्हारे काम आएगा।
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कॉलेज में एक दोस्त तुम्हें अपने नोट्स
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देता है। तुम उस वक्त शायद रिटर्न ना कर
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पाओ। पर फ्यूचर में तुम हेल्प करते हो
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उसकी जॉब प्रिपरेशन में। यही है
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रेसिप्रोकल एल्ट्रिज्म और जींस यही चाहते
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हैं कि तुम ऐसे रिलेशंस बनाओ जो
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इनडायरेक्टली तुम्हारे सर्वाइवल चांसेस को
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बढ़ा दे। फ्रेंडशिप इज बायोलॉजीस
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इंश्योरेंस पॉलिसी। दोस्ती बायोलॉजी का
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इंश्योरेंस है फ्यूचर के लिए। अब बात करते
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हैं सबसे इंटरेस्टिंग गेम की। मेड
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सिलेक्शन। सोचो एक इंडियन शादी का रिश्ता
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का सीन। फैमिली दिखाती है फोटोस, बायोडटा,
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कास्ट, सैलरी डिटेल्स। तुम्हें लगता है
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तुम लव के बेसिस पर चूज़ कर रहे हो। बट
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जींस का एक हिडन एजेंडा है। बेस्ट पार्टनर
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चूज़ करो जिससे तुम्हारे बच्चे स्ट्रांग और
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हेल्दी हो। इसीलिए लड़कियां मोस्टली
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स्ट्रांग रिसोर्सेज विल सिक्योर लड़कों को
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प्रेफर करती हैं और लड़के मोस्टली यंग
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फर्टाइल और अट्रैक्टिव लड़कियों को यह सब
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एक बायोलॉजिकल प्रोग्रामिंग है जो तुम्हें
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लगता है मेरी चॉइस है। टॉकिंस लिखते हैं
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सेक्सुअल सिलेक्शन इज नेचर वे ऑफ
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एनश्योरिंग जेनेटिक इक्वलिटी। सेक्सुअल
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सिलेक्शन का तरीका है जेनेटिक क्वालिटी
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इंश्योर करने का। इंडियन सोसाइटी में
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अरेंज्ड मैरिज भी एक एववोल्यूशनरी
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स्ट्रेटजी है। फैमिलीज इंश्योर करती हैं
12:00
कि पार्टनर के जींस और कल्चर कंपैटिबल हो।
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अब आपके दिमाग में एक बड़ा सवाल आ रहा
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होगा। अगर सब कुछ जींस डिसाइड कर रहे हैं
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तो क्या हमारी फ्री विल फेक है? डॉकिंस यह
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इनडायरेक्टली कहते हैं। जींस स्क्रिप्ट
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लिखते हैं। पर एक्टर्स हम उस स्क्रिप्ट
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में इंप्रोवाइजेशन कर सकते हैं। मतलब
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तुम्हारा बायोलॉजी एक बेसिक रूल बुक बनाता
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है। लेकिन तुम उस रूल बुक को हैक भी कर
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सकते हो। जींस लोड द गन। एनवायरमेंट पुल्स
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द ट्रिगर। जींस बंदूक में गोली भरते हैं।
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एनवायरमेंट ट्रिगर दबाता है। सो अब तक
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हमने देखा जिंदगी एक स्ट्रेटजी गेम है
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जिसमें हॉक डऊ, टिड फॉर टैट, प्रिजनस
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डलेमा जैसे रूल्स चल रहे हैं। जींस
12:48
सेल्फिश है। बट कभी-कभी कोपरेशन भी एक
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सेल्फिश स्ट्रेटजी है। अगर सब कुछ
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स्ट्रेटजी का गेम है तो सोसाइटी, रिलीजन,
12:57
मोरलिटी का क्या रोल है? क्या हमारा कल्चर
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सिर्फ जींस का पपेट है या उसके अपने मीम्स
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हैं जो जींस से भी पावरफुल हो सकते हैं?
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यही एक्सप्लोर करेंगे पार्ट थ्री में
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मीम्स कल्चर और सोसाइटी की इनविज़िबल पावर
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स्टे ट्यूंड क्योंकि असली ट्विस्ट अभी
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बाकी है।
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सोचो अगर तुम्हारे अंदर सिर्फ जींस ही
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नहीं बल्कि तुम्हारे दिमाग में भी ऐसे
13:23
वायरल कोर्स चल रहे हो जो तुम्हारी सोच
13:26
तुम्हारे डिसीजंस यहां तक कि तुम्हारे
13:28
बिलीव्स को कंट्रोल कर रहे हो। यस डॉकिंस
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ने इंट्रोड्यूस किया एक माइंड ब्लोइंग
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कांसेप्ट मीम जस्ट एस जींस प्रोपेगेट
13:38
देमसेल्व्स इन द जीन पूल बाय लीविंग फ्रॉम
13:40
बॉडी टू बॉडी मीम्स प्रोपेगेट देमसेल्व्स
13:42
इन द मीम पूल बाय लीविंग फ्रॉम ब्रेन टू
13:44
ब्रेन जैसे जींस अपनी कॉपी बनाकर एक बॉडी
13:47
से दूसरी बॉडी में जाते हैं वैसे ही मीम्स
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दिमाग से दिमाग में जंप करके फैलते हैं।
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वेलकम टू पार्ट थ्री मीम्स कल्चर और
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सोसाइटी की इनविज़िबल पार। सबसे पहले साफ
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कर लें। डॉकिंस ने मीम वर्ड इंट्रोड्यूस
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किया था 1976 में। जब इंस्टा रील्स या
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WhatsApp जोक्स का नामोनिशान भी नहीं था।
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मीम मतलब कोई भी आईडिया, बिलीफ, ट्रेडिशन
14:12
या हैबिट जो कॉपी होकर सोसाइटी में फैल
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जाए। एग्जांपल, पढ़ाई ही जिंदगी का सबसे
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बड़ा हथियार है। यह एक इंडियन कल्चरल मीम
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है। लड़कियां घर संभाले, लड़के करियर्स
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बनाएं। यह भी एक पुराना मीम है। टचिंग
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एल्डर्स फीट एक मीम जो रिस्पेक्ट की
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कल्चरल एक्सप एक्सप्रेशन बन गया। डॉकिं्स
14:31
कहते हैं मीम्स शुड बी रिगार्डेड एस
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लिविंग स्ट्रक्चर्स नॉट जस्ट मेटाफोरिकली
14:36
बट टेक्निकली। मीम्स को लिविंग
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स्ट्रक्चर्स मानना चाहिए। जैसे सिर्फ
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मेटाफोरिकली नहीं बल्कि टेक्निकली भी।
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मतलब मीम्स भी एक तरह के रेप्लिकेटर्स
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हैं। बिल्कुल जींस की तरह।
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अब देखो इंडियन सोसाइटी को। यह मीम्स का
14:51
गोल्ड माइन है। बॉलीवुड डायलॉग्स
14:53
बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें
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होती रहती हैं। यह भी एक मीम बन गया जो हर
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जगह कोट होता है। क्रिकेट क्रेज, विराट
15:01
कोहली का अग्रेशन, धोनी की कामनेस यह भी
15:03
मीम्स बनकर लोगों की सोच को शेप करते हैं।
15:06
फेस्टिवल्स, दिवाली पर घर साफ करना, होली
15:08
पर रंग खेलना। यह मीम्स हैं जो सेंचुरीज
15:11
से कॉपी होते आ रहे हैं। मीम्स सर्वाइव
15:14
करते हैं क्योंकि यह स्टिकी होते हैं।
15:15
मतलब यह इली याद रहते हैं और दूसरों को
15:18
पास किए जा सकते हैं। डॉकिंस ने एक
15:20
कंट्रोवर्शियल पॉइंट दिया। उन्होंने
15:22
रिलीजन को भी एक मीम बताया। सोचो पूजा
15:25
पाठ, रिचुअल्स, फास्टिंग, मंत्र चेंटिंग।
15:28
यह सब प्रैक्टिस कैसे सर्वाइव करते हैं?
15:30
जींस की वजह से नहीं। मीम्स की वजह से।
15:33
डॉकिंस लिखते हैं गॉड एक्सिस्ट इफ ओनली इन
15:36
द फॉर्म ऑफ अ मीम विद हाई सर्वाइवल
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वैल्यू। भगवान एक्सिस्ट करते हैं। अगर कुछ
15:41
है तो एक ऐसे मीम के रूप में जिसकी
15:44
सर्वाइवल वैल्यू बहुत ज्यादा है। नवरात्रि
15:46
में फास्ट रखना यह प्रैक्टिस इसलिए
15:48
सर्वाइव करती है क्योंकि सोसाइटी इसे
15:50
रिस्पेक्ट देती है और पेरेंट्स से बच्चे
15:52
में यह मीम ट्रांसफर हो जाता है। रामायण
15:55
सुनना यह भी एक मीम है जो सेंचुरी से कॉपी
15:58
हो रहा है। मतलब रिलीजन भी एक तरह का
16:01
कल्चरल डीएनए है।
16:03
इंडियन जॉइंट फैमिली सिस्टम एक परफेक्ट
16:06
मीम एग्जांपल है। क्यों सर्वाइव किया?
16:08
क्योंकि यह सोसाइटी को कलेक्टिव स्ट्रेंथ
16:11
देता है। एक मीम है। पर्यावर ही सबसे बड़ा
16:14
सहारा है। इस मीम ने जनरेशंस तक लोगों को
16:17
टाइटली बांध कर रखा। जींस के लेवल पर भी
16:19
यह स्ट्रेटजी बेनिफिशियल थी क्योंकि
16:21
फैमिली मेंबर्स एक दूसरे के जींस को
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इनडायरेक्टली सर्वाइव करा रहे थे। आज
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मीम्स का असली मीनिंग तो बदल गया है। inा,
16:29
Twitter, WhatsApp यहां मीम्स मतलब जोक्स,
16:32
सैरकेजम या फनी इमेजेस। पर ध्यान दो। यह
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भी वही डॉकिंस वाले मीम्स हैं। बस्ट फास्ट
16:39
फॉरवर्ड मोड में जस्ट चिल ब्रो। एक मीम बन
16:42
गया जो हर जगह रिपीट होता है। कौन बनेगा
16:45
करोड़पति? शो का अमिताभ बच्चन का लाइन
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कंप्यूटर जी। लॉक कीजिए। यह भी मीम बन
16:50
गया। शर्मा जी का बेटा इंडियन मीम जो है
16:53
स्टूडेंट रिलेट करता है। यह मीम्स भी
16:56
दिमाग से दिमाग जंप करते हैं। सोसाइटी में
16:59
वायरल होते हैं और सर्वाइव करते हैं। अ
17:02
जोक टुडे इज अ कल्चर टुमारो। आज का जोक कल
17:05
का कल्चर बन सकता है। जींस की तरह मीम्स
17:08
भी अच्छे और बुरे हो सकते हैं। गुड मीम्स
17:11
जैसे एजुकेशन फॉर ऑल। सेव द एनवायरमेंट,
17:14
हार्ड वर्क पे ऑफ बैड मीम्स। जैसे
17:17
लड़कियां पढ़ाई क्यों करें? करप्शन इज
17:19
नॉर्मल। स्मोकिंग मेक्स यू कूल। पहले एक
17:23
मीम था फेयर स्किन इज इक्वल टू ब्यूटी।
17:25
इसने जनरेशंस को प्रभावित किया। आज स्लोली
17:28
नया मीम फैल रहा है। डार्क इज ब्यूटीफुल।
17:31
मीम्स इवॉल्व होते हैं और यह सोसाइटी को
17:34
बदल सकते हैं। अब सबसे इंटरेस्टिंग बात
17:38
तुम अपने दिमाग में कौन से मीम्स डाल रहे
17:40
हो? अगर तुम रोज मोटिवेशनल वीडियोस देखते
17:43
हो, किताबें पढ़ते हो, अच्छे लोगों के साथ
17:46
टाइम बिताते हो, तुम पॉजिटिव मीम्स अडॉप्ट
17:49
कर रहे हो। टॉकिंस कहते हैं, व्हेन यू
17:51
प्लांट अ फर्टाइल मीम इन समवनस माइंड, यू
17:54
लिटरली
17:55
पैरासिटाइज अ ब्रेन। जब तुम किसी फर्टाइल
17:58
मीम को किसी के दिमाग में डालते हो, तुम
18:01
लिटरली उसके ब्रेन को कब्जा कर लेते हो।
18:04
मतलब तुम अपनी जिंदगी में अच्छे मीम्स
18:07
डालो। यह तुम्हें शेप करेंगे। एक 20 ईयर
18:10
ओल्ड स्टूडेंट रोज सुबह पढ़ाई के पहले खुद
18:12
से बोलता है आई एम अनस्टपेबल। यह मीम उसके
18:14
सबकॉन्शियस में बैठ जाएगा और उसके एक्शंस
18:17
को ड्राइव करेगा।
18:19
अब बड़ा सवाल क्या जींस से भी पावरफुल कुछ
18:23
है? डॉकिंट्स का जवाब यस मीम्स। जींस
18:26
तुम्हारी बॉडी और इंस्टिट्स को कंट्रोल
18:28
करते हैं। पर मीम्स तुम्हारे दिमाग और
18:30
बिहेवियर को। जींस चाहते हैं कि तुम
18:32
ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करो। पर
18:34
मीम्स कहते हैं डू ओनली टू। छोटे परिवार
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की बड़ी खुशी। जींस पुश करते हैं। तुम्हें
18:39
सेल्फिश बनने को मीम्स सिखाते हैं। सेवा
18:41
ही सबसे बड़ा धर्म है। यानी मीम्स कभी-कभी
18:44
जींस को ओवराेड भी कर देते हैं। कल्चर इज
18:47
द जेल ब्रेक कोड ऑफ बायोलॉजी। संस्कृति
18:50
बायोलॉजी की जेल तोड़ने का कोड है। तो अब
18:53
हमने देखा जिंदगी में सिर्फ जींस ही नहीं
18:56
मीम्स भी हमें कंट्रोल करते हैं। कल्चर,
18:58
रिलीजन, ट्रेडिशंस, सोशल मीडिया ट्रेंड्स
19:01
यह सब मीम्स हैं जो सोसाइटी को शेप करते
19:03
हैं। लेकिन अगर जींस और मीम्स हमें
19:05
कंट्रोल कर रहे हैं तो इंसान की असली
19:08
आजादी कहां है? क्या हम सिर्फ पपेट हैं?
19:11
या हम अपने अंदर एक नया रेवोल्यूशन क्रिएट
19:14
कर सकते हैं। यही एक्सप्लोर करेंगे पार्ट
19:17
फोर में फ्री विल मॉडर्न रेलेवेंस और कैसे
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इंसान अपने जींस और मीम्स दोनों को हैक कर
19:22
सकता है। स्टे ट्यूंड क्योंकि एंड गेम
19:25
सबसे धमाकेदार है।
19:28
सोचो अगर आपको अभी यह बता दिया जाए कि
19:32
आपकी जिंदगी आपके जींस और मीम्स दोनों के
19:36
कंट्रोल में है तो क्या आप मान लोगे कि आप
19:40
सिर्फ एक पपेट हो? या आप कहोगे नो मैं
19:44
अपने स्ट्रिंग्स खुद काटूंगा। मैं अपनी
19:46
जिंदगी का स्क्रिप्ट खुद लिखूंगा। यही
19:49
अल्टीमेट सवाल है द सेल्फिश जीन का। क्या
19:53
इंसान कंप्लीटली प्रोग्राम मशीन है या
19:56
उसके पास फ्री विल का पार भी है?
19:59
पार्ट वन टू पार्ट थ्री में हमने देखा
20:02
जींस तुम्हारे अंदर सर्वाइवल मशीन बनाते
20:04
हैं। स्ट्रेटजीस हॉक डॉ टिट फॉर टैट
20:08
तुम्हारे बिहेवियर गाइड करते हैं। मीम्स
20:11
तुम्हारे दिमाग और सोसाइटी को कंट्रोल
20:13
करते हैं। तो फिर इंसान की इंडिविजुअलिटी
20:15
कहां है? डॉकिंस कहते हैं वी अलोन ऑन अर्थ
20:18
कैन रेबल अगेंस्ट द टेररनी ऑफ द सेल्फिश
20:20
रेप्लिकेटर्स। हम ही अकेले ऐसे जीव हैं जो
20:24
इन सेल्फिश रेप्लिकेटर्स की तानाशाही के
20:27
खिलाफ बगावत कर सकते हैं। यानी हां जींस
20:31
और मीम्स तुम्हें ड्राइव करते हैं। लेकिन
20:33
इंसान के पास सोचने और चुनने की शक्ति है।
20:36
यही तुम्हारा सुपर बार है। इमेजिन करो एक
20:39
बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार है। हर
20:41
डायलॉग लिखा हुआ है। हर सीन डिसाइड है।
20:44
लेकिन जब एक्टर सेट पर आता है तो वो
20:47
इंप्रोवाइजेशन करता है। कभी डायलॉग अलग
20:49
बोल देता है। कभी एक्सप्रेशन बदल देता है।
20:52
जींस स्क्रिप्ट राइटर्स हैं, मीम्स
20:54
डायरेक्टर्स हैं। लेकिन एक्टर तुम हो। और
20:58
जिंदगी की फिल्म तभी ब्लॉकबस्टर बनेगी जब
21:01
तुम अपनी एक्टिंग डालोगे। जींस मे नॉट मे
21:05
सेट द स्टेज बट यू डिसाइड द परफॉर्मेंस।
21:07
जींस मंच तैयार करते हैं पर परफॉर्मेंस
21:11
तुम्हारे हाथ में है। सोचो।
21:14
जींस कहते हैं ज्यादा बच्चे को पैदा करो।
21:18
पर तुम फैमिली प्लानिंग चूज करते हो। जींस
21:21
पुश करते हैं। हर कंपटीिटर को क्रश करो।
21:23
पर तुम टीम वर्क चुनते हो। मीम्स कहते हैं
21:26
कास्ट और रिलीजन के हिसाब से शादी करो। पर
21:29
तुम लव मैरिज चुनते हो। यह सारे
21:31
एग्जांपल्स दिखाते हैं कि इंसान सिर्फ
21:33
बायोलॉजिकल मशीन नहीं है। इंसान में चॉइस
21:36
का पार है। टॉकिंस इनडायरेक्टली कहते हैं
21:40
फ्री विल कोई मैजिक नहीं है। यह सेल्फ
21:42
अवेयरनेस का रिजल्ट है। मेडिटेशन तुम
21:46
ऑब्जर्व करते हो अपने थॉट्स को और डिसाइड
21:48
करते हो कौन से थॉट्स फॉलो करने हैं।
21:50
योगा। तुम अपनी बॉडी को ट्रेन करते हो।
21:53
जींस के इंपल्ससेस को कंट्रोल करना सीखते
21:55
हो। जर्नलिंग तुम अपनी हैबिट्स ट्रैक करते
21:58
हो और कॉन्शियसली नए मीम्स अडॉप्ट करते
22:01
हो। सेल्फ अवेयरनेस इज द अल्टीमेट
22:04
रेबिलियन। आत्म जागरूकता सबसे बड़ी बगावत
22:07
है। अब सवाल उठता है मोरालिटी कहां से आती
22:10
है? जीस कहते हैं अपना सर्वाइवल करो। मींस
22:14
कहते हैं कल्चर फॉलो करो। पर इंसान की
22:16
ह्यूमैनिटी कहती है दूसरों की मदद करो।
22:18
इवन अगर उसके तुम्हें कोई डायरेक्ट
22:21
बेनिफिट ना हो। ब्लड्स में लोग डोनेट करते
22:25
हैं स्ट्रेंजर्स के लिए। कोविड टाइम में
22:27
डॉक्टर्स ने अपनी जिंदगी रिस्क पर डाल दी
22:29
पेशेंस के लिए। यह दिखाता है कि इंसान
22:32
सिर्फ सेल्फिश रेप्लिकेटर्स
22:36
का पपेट नहीं है। इंसान हायर पर्पस के लिए
22:39
भी जा सकता है और जी भी सकता है। डॉकिंस
22:42
कहते हैं लेट अस ट्राई टू टीच जेरसिटी एंड
22:44
एल्ट्रिज्म बिकॉज़ वी आर बोर्न सेल्फिश। आओ
22:47
हम जेनेरसिटी और एल्ट्रिज्म सिखाएं
22:50
क्योंकि हम सेल्फिश पैदा होते हैं।
22:53
आज द सेल्फिश जीन की टीचिंग्स और भी
22:56
रेलेवेंट है। पॉलिटिक्स लीडर्स मीम्स
22:58
फैलाते हैं। नेशनलिज्म ऑफ यूनिटी या
22:59
कभी-कभी हेट मार्केटिंग ब्रांड्स मीम्स
23:02
क्रिएट करते हैं। जस्ट डू इट इज द थंडर।
23:05
सोशल मीडिया वलिटी मीम्स का ही पावर है।
23:09
अगर तुम्हें यह समझ आ गया कि तुम किसी किस
23:12
मीम के कंट्रोल में जा रहे हो तो तुम अपने
23:15
दिमाग के फिल्टर्स खुद बना सकते हो।
23:18
अवेयरनेस इज द एंटीवायरस फॉर पैड मीम्स।
23:20
सजगता बुरे मीम्स का एंटीवायरस है। अब
23:24
सबसे प्रैक्टिकल सवाल हम अपनी जींस और
23:27
मीम्स को कैसे हैक करें? पहला हैबिट
23:31
क्रिएट करो। गुड हैबिट्स अच्छे मीम्स की
23:33
तरह स्प्रेड होते हैं। एग्जांपल रोज सुबह
23:35
एक्सरसाइज तुम्हारे फ्रेंड्स भी इंस्पायर
23:37
होंगे। सराउंडिंग्स बदलो। जिन लोगों के
23:40
साथ तुम टाइम बिताते हो, वही मीम्स
23:42
तुम्हारे दिमाग में जाते हैं। थर्ड
23:44
अवेयरनेस, प्रैक्टिस करो। मेडिटेशन,
23:46
जर्नलिंग, रीडिंग। यह तुम्हें अपनी
23:48
इंप्ससेस पर कंट्रोल देते हैं। चौथा न्यू
23:51
मीम्स स्प्रेड करो। पॉजिटिविटी, हार्ड
23:53
वर्क, काइंडनेस। यह मीम्स सोसाइटी में
23:56
लॉन्ग टर्म इंपैक्ट डाल सकते हैं। बी अ
23:59
कैरियर ऑफ गुड मीम्स नॉट अ विक्टिम ऑफ बैड
24:02
वंस। अच्छे मीम्स के वाहक बनो। बुरे मीम्स
24:06
के शिकार नहीं। सो, अब सवाल यह है तुम कौन
24:10
हो? एक सेल्फिश गेम का पपेट, एक कल्चरल
24:13
मीम का कॉपी मशीन या एक इंसान जो अपने
24:16
जींस और मीम्स दोनों को कॉन्शियसली हैक
24:18
करके अपनी डेस्टिनी लिख सकता है। डॉकिंस
24:21
का जवाब साफ है। वी आर बिल्ट एस जीन
24:24
मशीनंस एंड कल्चरर्ड एस मीम मशीनंस। बट वी
24:27
हैव द पावर टू टर्न अगेंस्ट आवर
24:28
क्रिएटर्स। हम जीन मशीनंस और मीम मशीनंस
24:31
के रूप में बने हैं। लेकिन हमारे पास
24:32
शक्ति है कि हम अपने क्रिएटर्स के खिलाफ
24:35
खड़े हो सके। यानी तुम्हारा फ्यूचर तुम
24:38
डिसाइड करते हो। तो द सेल्फिश जीन हमें
24:41
सिखाती है हां जींस सेल्फिश है। हां मीम्स
24:44
हमें कंट्रोल करती है लेकिन इंसान यूनिकली
24:47
कैपेबल है रेबल करने का। तुम अपनी जिंदगी
24:49
को कॉन्शियसली डिजाइन कर सकते हो। तुम
24:51
अच्छे मीम्स अडॉप्ट कर सकते हो मीम और
24:54
बुरे मीम्स को रिजेक्ट कर सकते हो। तुम
24:56
जींस की स्क्रिप्ट रीाइट कर सकते हो अपनी
24:59
हैबिट्स और चॉइससेस से। यू आर नॉट जस्ट अ
25:01
सर्वाइवल मशीन। यू आर अ क्रिएटर ऑफ न्यू
25:03
पॉसिबिलिटीज। तुम सिर्फ सर्वाइवल मशीन
25:06
नहीं हो। तुम नई संभावनाओं के क्रिएटर हो।
25:09
तो दोस्तों, यही थी रिचर्ड डॉकिंस की
25:11
लेजेंडरी किताब द सेल्फिश जीन का सार। चार
25:14
पार्ट्स में हमने समझा पहले जींस, पपेट
25:16
मास्टर्स। दूसरा गेम थ्योरी और सर्वाइवल
25:19
स्ट्रेटजीस। तीसरा मीम्स, कल्चरल
25:22
रेप्लिकेटर्स। चौथा फ्री व्हील और इंसान
25:24
की रेबिलियन। अब चॉइस तुम्हारे हाथ में
25:26
है। तुम कौन से मीम्स और कौन से जींस के
25:28
साथ जीते हो। याद रखो जींस और मीम्स
25:31
तुम्हारी जिंदगी को शेप करते हैं पर फाइनल
25:33
ब्रस्ट स्ट्रोक तुम्हारे हाथ में है। थैंक
25:36
यू।