Warren Buffett के Partner का सबसे बड़ा Life Lesson | Psychology of Human Misjudgement
Sep 14, 2025
क्या आपने कभी सोचा है कि हम बार-बार वही गलतियाँ क्यों दोहराते हैं? 👉 यही राज़ खोलते हैं Charlie Munger अपनी legendary lecture “The Psychology of Human Misjudgement” में। इस वीडियो में आपको मिलेगा: 🧠 इंसान की सोच की 25+ सबसे बड़ी गलतियाँ (biases) 📚 Real-life relatable Indian examples (18–45 age group के लिए perfect) 💡 Practical tips जिससे आप अपने decisions better बना सकते हैं 🚀 Charlie Munger और Warren Buffett की success का असली secret ✨ अगर आप business, investing, career या personal life में गलतियों से बचना चाहते हैं, तो यह वीडियो आपके लिए एक complete guide है। 🔔 Subscribe कीजिए ऐसे और motivational summaries और life-changing content के लिए। #CharlieMunger #Psychology #HumanMisjudgement #BookSummary #WarrenBuffett #DecisionMaking
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क्या आपने कभी सोचा है कि लोग बार-बार एक
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ही गलती क्यों दोहराते हैं? इवन व्हेन दे
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नो बेटर। सोचिए आपने न्यू ईयर पर डिसाइड
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किया दिस ईयर आई विल हिट द जिम रेगुलरली
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और 10 दिन बाद जिम बंद एक्सक्यूसेस
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स्टार्ट। या फिर एक दोस्त जो हमेशा गलत
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स्टॉक पिक करता है। फिर भी नेक्स्ट टाइम
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कॉन्फिडेंस के साथ पैसा डाल देता है।
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व्हाई? बिकॉज आवर ब्रेन इज वायर्ड टू
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मिसज।
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चार्ली मुंगेर जो वारेन बफे के साथ दुनिया
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के टॉप इन्वेस्टर्स में से एक है।
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उन्होंने अपनी लाइफ भर का विज़डम एक लेक्चर
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में निकाला। द साइकोलॉजी ऑफ ह्यूमन
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मिसजमेंट। यह एक ट्रेजर चेस्ट है जिसमें
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25 प्लस मेंटल बायसेस समझाए गए हैं जो
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हमेशा हमें फूल करते हैं। मुंगेर एक कोर्ट
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से स्टार्ट करते हैं। इट इज रिमारकेबल हाउ
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मच लॉन्ग टर्म एडवांटेज पीपल लाइक अस हैव
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कॉटन बाय ट्राइंग टू बी कंसिस्टेंटली नॉट
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स्टूपिड इंस्टेड ऑफ ट्राइंग टू बी वेरी
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इंटेलिजेंट। यह हैरान करने वाली बात है कि
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हमारे जैसे लोगों ने कितनी लंबी अवधि का
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फायदा सिर्फ बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट बनने
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की कोशिश करने से नहीं बल्कि बार-बार
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बेवकूफी से बचने की कोशिश से पाया है। बस
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यही है फंडा। ज्यादा स्मार्ट बनने की
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जरूरत नहीं है। गलतियां अवॉइड करो और लाइफ
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अपने आप बेटर हो जाएगी। बायस नंबर वन
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रिवॉर्ड एंड पनिशमेंट सुपर रिस्पांस
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टेंडेंसी। सोचो आप एक सेल्समैन हो और हर
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बेची हुई पॉलिसी पर आपको 10% कमीशन मिलता
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है। अब नेचुरली आप क्लाइंट को वही पॉलिसी
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पुश करोगे जिसमें आपका कमीशन ज्यादा है।
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चाहे वह क्लाइंट के लिए बेस्ट ना हो। यह
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है रिवार्ड एंड पनिशमेंट बायस।
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चार्ली मुंगेर कहते हैं नेवर एवर थिंक
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अबाउट समथिंग एल्स व्हेन यू शुड बी
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थिंकिंग अबाउट द पावर ऑफ इंसेंटिव्स। कभी
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भी उस वक्त कुछ और मत सोचो जब तुम्हें
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इंसेंटिव्स की ताकत के बारे में सोचना
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चाहिए।
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इंडिया में डॉक्टर्स पे एक बड़ा
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कंट्रोवर्सी हुआ था कि जब कुछ फार्मा
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कंपनीज फ्री गिफ्ट्स और इंसेंटिव्स देकर
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उनसे अपनी मेडिसिंस प्रिस्राइब करवाती थी।
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इवन व्हेन चीपर और बेटर अल्टरनेटिव्स
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अवेलेबल थे। क्या हो रहा था? डॉक्टर्स
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अनकॉन्शियसली इन्फ्लुएंस्ड हो गए
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रिवॉर्ड्स से।
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लेसन अगर आप समझ जाओ कि सामने वाले को
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क्या रिवॉर्ड या पनिशमेंट ड्राइव कर रहा
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है तो आप उनके बिहेवियर को प्रेडिक्ट कर
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सकते हो। बायस नंबर टू लाइकिंग लविंग
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टेंडेंसी सोचो आपको एक सेल्समैन पसंद आ
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गया दिखने में स्मार्ट बातों में चारमिंग।
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अब चाहे उसका प्रोडक्ट ओवरप्राइड हो
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चांसेस हाई हैं कि आप खरीद लोगे। क्यों?
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क्योंकि आपको बंदा पसंद है। ऑथर बोलते हैं
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व्हाट अ मैन विशेस ही आल्सो बिलीव्स। जो
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आदमी चाहता है वही वो मानने भी लगता है।
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इसको आज के Instagram इन्फ्लुएंसरर कल्चर
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से कंपेयर करो। जब कोई एक्टर या
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इन्फ्लुएंसरर जिसे आप एडमायर करते हो एक
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प्रोडक्ट प्रमोट करता है। से एक फैंसी
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प्रोटीन पाउडर हम उसे सच मान लेते हैं
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बिना रिसर्च के।
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कभी भी किसी चीज को सिर्फ किसने कहा उसे
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मत मानो हमेशा क्या कहा उसे झांझो
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बायस नंबर थ्री डिसलाइकिंग एंड हेटिंग
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टेंडेंसी जैसे लाइकिंग बायस हमें आंख बंद
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करके हार करवाते हैं वैसे ही डिसलाइकिंग
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बायस हमें बिना रीजन के ना बुलवा देता है।
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अगर आपको एक पॉलिटिकल लीडर पसंद नहीं है
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तो उसकी हर पॉलिसी को ऑटोमेटिकली रिजेक्ट
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कर दोगे। इवन इफ वह पॉलिसी एक्चुअली
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बेनिफिशियल हो। मुंगेर कहते हैं द
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टेंडेंसी टू डिस्टोर्ट फैक्ट्स व्हेन वी
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डिसलाइक पीपल इज एक्सट्रीम। जब हमें कोई
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इंसान पसंद नहीं होता तो फैक्ट्स को तोड़
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मरोड़ कर देखने की टेंडेंसी बहुत ज्यादा
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हो जाती है। इससे हमें लेसन मिलता है बॉयज
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को आइडेंटिफाई करो। शायद आप किसी अच्छी
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अपॉर्चुनिटी को मिस कर रहे हो। सिर्फ
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इसीलिए क्योंकि आपको उस बंदा या बंदी या
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कोई ब्रांड पसंद नहीं। पाइल्स नंबर फोर
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सोशल प्रूफ बैंडवगन इफेक्ट। यह तो इंडिया
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में सबसे कॉमन है। शादी में देखा होगा अगर
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एक बंदे ने बफे में जलेबी उठाई तो लाइन लग
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जाती है जलेबी की। सोशल प्रूफ एक पावरफुल
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बायस है जिसमें हम सोचते हैं अगर सब कर
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रहे हैं तो सही होगा। स्टॉक मार्केट क्रैश
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या क्रिप्टो बबल सोचो। 2021 में लाखों
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इंडियंस ने डॉजी कॉइन और sh इनenू खरीदा।
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सिर्फ इसलिए क्योंकि सब लोग कह रहे थे
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रिजल्ट क्या हुआ? ह्यूज लॉसेस।
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मुंगीर कहते हैं द माइंड इज लॉट लाइक द
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ह्यूमन एक एंड द ह्यूमन हैक हैस अ शट ऑफ
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डिवाइस
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वंस वन स्पर्म गेट्स इन इट शट्स डाउन सो द
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नेक्स्ट वन कांट गेट इट नाउ द ह्यूमन
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माइंड वर्क्स अ लॉट लाइक दैट वंस इट गेट्स
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अ हंच इट शट्स डाउन टू अर्ली मानव दिमाग
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बिल्कुल अंडाणु जैसा है जैसे एक बार एक
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स्पर्म अंदर चला जाए बाकी सबको रोक देता
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वैसे ही दिमाग एक बार बिलीफ ले ले तो बाकी
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आइडियाज को रिजेक्ट कर देता है।
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भीड़ की अंधी दौड़ में मत भागो। भीड़
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हमेशा सही नहीं होती।
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बायस नंबर फाइव अथॉरिटी बायस। इंडिया में
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डॉक्टर या टीचर जो बोल दे उसको अल्टीमेट
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ट्रुथ मान लेते हैं। यह है अथॉरिटी बायस।
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एक रियल लाइफ स्टोरी। एक बार एक जूनियर
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डॉक्टर ने एक सीनियर सर्जन के कहने पर गलत
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मेडिसिन प्रिस्राइब कर दी। पेशेंट की
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कंडीशन वर्स हो गई। जस्ट बिकॉज़ जूनियर
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डॉक्टर ने ब्लाइंडली अथॉरिटी फॉलो किया।
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मुंगेर कहते हैं फ्यू थिंग्स आर मोर
6:20
डेंजरस देन अ मिक्सचर ऑफ पावर एंड
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इररेशनलिटी। शक्ति और अविवेक का मिशन
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जितना खतरनाक है उतना कुछ और नहीं। लेसन
6:31
अथॉरिटी को रिस्पेक्ट करो लेकिन ब्लाइंडली
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फॉलो मत करो। क्रॉस चेक ऑलवेज।
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देखिए दोस्तों, अभी तो हमने बस पांच
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बायसेस समझे और ऑलरेडी लग रहा है कि अरे
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यह तो मेरे साथ होता है डेली लाइफ में। बस
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यही है चार्ली मुंगेर का जीनियस। वह हमें
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एक आईना दिखाते हैं जिसमें हम अपनी सोच की
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गलतियां क्लियरली देख सकते हैं। पार्ट टू
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में हम और ज्यादा डेंजरस बायसेस एक्सप्लोर
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करेंगे। जैसे कौन कंसिस्टेंसी बायस, एनवी
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जेलसी बायस, अवेलेबिलिटी बायस और
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रेसिप्रोकेशन टेंडेंसी। यह आपके डिसीजन
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मेकिंग को हर रोज मैनपुलेट करते हैं। और
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अगर आप इन्हें समझ गए तो आप एक अलग ही
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लेवल पे ऑपरेट करोगे। नेक्स्ट पार्ट में
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मैं आपको वह सीक्रेट दिखाने वाला हूं
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जिससे आप समझोगे कि क्यों हम अपनी पुरानी
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बिलीव्स से चिपके रहते हैं। इवन व्हेन दे
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डिस्ट्रॉय अस।
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जरा सोचिए आप एक मॉल में गए। सेल्समैन
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आपको एक जैकेट दिखाता है जिसकी कीमत
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₹1,000 है। आप थोड़ा शॉक होते हो। फिर वह
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कहता है सर स्पेशल डिस्काउंट चल रहा है।
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अभी सिर्फ ₹000 में। अचानक आपको लगता है
7:48
यह तो जैकेट डील है। लेकिन सच क्या है?
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शायद उस जैकेट की असली वैल्यू सिर्फ 2000
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ही थी। यही है मनुष्य का भ्रम। हम अपने ही
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दिमाग के जाल में फंस जाते हैं। चाली
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मुंगेर हमें सिखाते हैं कि कैसे हमारे
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अंदर छुपे कुछ मेंटल शॉर्टकट्स और बायसेस
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हमें बार-बार गलत फैसले लेने पर मजबूर
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करते हैं। पार्ट वन में हमने रिवार्ड
8:14
पनिशमेंट, लाइकिंग, डिसलाइकिंग, सोशल
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प्रूफ और अथॉरिटी जैसे बायसेस देखे।
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अब पार्ट टू में हम इन बायसेस में उतरेंगे
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जो हमारी बिलीव्स, हैबिट्स और डिजायर्स को
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डायरेक्टली मैनपुलेट करते हैं। मुंगेर
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कहते हैं द ह्यूमन माइंड इज अ लॉट लाइक द
8:34
ह्यूमन एग। वंस इट एक्सेप्ट्स अ कंक्लूजन
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इट टेंड्स टू शट द डोर टू अदर आइडियाज।
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मानव दिमाग बिल्कुल अंडाणु जैसा है। एक
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बार जब यह कोई निष्कर्ष स्वीकार कर लेता
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है तो बाकी विचारों के लिए दरवाजा बंद कर
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देता है। बायस नंबर सिक्स कंसिस्टेंसी एंड
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कमिटमेंट टेंडेंसी। यह बायस सबसे खतरनाक
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है। इंसान एक बार किसी बात पर कमिट कर दे
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तो अक्सर उसी से चिपक जाता है। चाहे वह
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गलत ही क्यों ना हो। उदाहरण मान लीजिए
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आपका दोस्त 1 लाख क्रिप्टो में इन्वेस्ट
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करता है और मार्केट क्रैश हो जाता है। सब
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लोग कहते हैं बच जा भाई निकल जा लेकिन वो
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कहता है नहीं मैं तो लॉन्ग टर्म होल्डर
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हूं। असल में वो अपनी ईगो बचा रहा है।
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एक्सेप्ट नहीं करना चाहता कि उसका डिसीजन
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गलत था। भारत में शादियों में भी यही होता
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है। कई बार लोग जानते हैं कि पार्टनर सही
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नहीं है। फिर भी कहते हैं एक बार डिसाइड
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कर लिया है। अब निभाना पड़ेगा। मुंगेर
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कहते हैं द ह्यूमन माइंड इज ऑफ कोर्स अ
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लॉट लाइक द ह्यूमन एग एंड इट्स बिल्ट सो
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दैट द फर्स्ट कंक्लूजन रिमेंस। मानव दिमाग
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इस तरह बना है कि पहला लिया गया निर्णय
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चिपक कर रह जाता है। इससे हमें सीख मिलती
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है कि अपने बिलीव्स को समय-समय पर टेस्ट
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करो। अगर वह गलत साबित हो तो बदलना कमजोरी
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नहीं ताकत है। पाइल्स नंबर सेवन एनवी एंड
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जेलसी टेंडेंसी। पड़ोसी ने नई कार खरीदी
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और तुरंत दूसरे पड़ोसी ने भी लोन पर गाड़ी
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निकाल ली। क्यों? सिर्फ चलना। मुंगीर कहते
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हैं एनवी इज अ रियली स्टूपिड सीन बिकॉज़
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इट्स द ओनली वन यू कांट हैव एनी फन एक्ट।
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ईर्ष्या सबसे बेवकूफी भरा पाप है क्योंकि
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इसमें कोई मजा ही नहीं है। आज की
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Instagram और सोशल मीडिया के इस बायस को
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और भड़का दिया है। एक 25 साल का लड़का दुबई
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ट्रिप का रील डालता है और हम सोचने लगते
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हैं मुझे भी ऐसा लाइफस्टाइल चाहिए। और फिर
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शुरू हो जाते हैं बेवजह के खर्चे। दूसरों
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से जलने की बजाय उनसे सीखो। जलन से सिर्फ
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आपका दिमाग जलता है उनका नहीं। बाय नंबर
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एट रेसिप्रोकेशन थ्योरी।
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मंदिर में जाते हो और पंडित आपको मुफ्त
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में प्रसाद देता है। अब आपको ऑटोमेटिकली
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लगता है कि कुछ डोनेशन देना चाहिए। यही है
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रेसिप्रोकेशन। मुंगेर कहते हैं द ऑटोमेटिक
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टेंडेंसी टू रेसिप्रोकेट फेवर्स इज अ वेरी
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ह्यूमन वन। डीपली एंबेडेड इन आवर
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एवोल्यूशनरी साइकोलॉजी। उपकार का बदला
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लौटाने की प्रवृत्ति इंसानी स्वभाव में
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गहराई से जमी हुई है। Flipkart या Amazon
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पर बाय वन गेट वन ऑफर। हमें लगता है कंपनी
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ने हमारे लिए कुछ खास किया है और हम बदले
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में उनसे खरीदना ऑलमोस्ट अपना फर्ज समझ
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लेते हैं। सीख याद रखो हर फ्री गिफ्ट के
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पीछे एक प्राइस टैग छुपा होता है। बायस
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नंबर नाइन अवेलेबिलिटी हरिस्टिक। हम वही
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जानकारी ज्यादा महत्व देते हैं जो आसानी
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से मिल जाए या हाल ही में सुनी हो। उदाहरण
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अगर न्यूज़ चैनल रोज फाइट क्रैश दिखाएं तो
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हमें लगेगा एयर ट्रैवल रिस्की है। जबकि सच
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यह है कि कार एक्सीडेंट की संभावना हजार
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गुना ज्यादा है। भारत में कोविड के समय
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यही हुआ। न्यूज़ चैनल दिन रात मौतें दिखा
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रही थी। लोगों को लगा सब लोग मर रहे हैं।
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लेकिन असल में रिकवरी रेट 95% प्लस था।
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मुंगेर कहते हैं मैनस इमपरफेक्ट लिमिटेड
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कैपेसिटी ब्रेन ईली ड्रिफ्ट्स इनू वर्किंग
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विद व्हाट्स ईली अवेलेबल टू इट। मनुष्य का
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सीमित दिमाग हमेशा वही इस्तेमाल करता है
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जो आसानी से उपलब्ध हो।
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सबसे ज्यादा लाउड न्यूज़ हमेशा सबसे सच्ची
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नहीं होती। पाइल्स नंबर 10 पेन अवॉयडिंग
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साइकोलॉजिकल डिनाइयल।
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सब सच बहुत दर्दनाक हो तो दिमाग उसे मानने
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से इंकार कर देता है। उदाहरण आपको पता है
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जंक फूड आपकी सेहत बिगाड़ रहा है लेकिन आप
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इग्नोर करते रहते हैं। सिगरेट पैकेट्स पर
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लिखा होता है स्मोकी किल्स लेकिन स्मोकर
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सोचता है सबको तो नहीं होता मैं सेफ हूं।
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मुंगेर कहते हैं डिनाइल इज अ स्टैंडर्ड
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ह्यूमन रिस्पांस। पर्टिकुलरली व्हेन द
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ट्रुथ इज टू पेनफुल टू बियर। जब सच बहुत
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तकलीफ देह हो तो उसे नकार देना इंसान की
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समान्य प्रतिक्रिया है। सीख सच से भागने
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से जिंदगी आसान नहीं होती। उसे स्वीकार
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करना ही असली बहादुरी है। बायस नंबर 11
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कंट्रास्ट मिसरिएक्शन टेंडेंसी। हमारा
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जजमेंट अक्सर कॉन्टेक्स्ट पर डिपेंड करता
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है। उदाहरण पहले आपको ₹1000 का शर्ट
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दिखाया जाए और फिर 600 का तो 600 वाला चीप
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लगेगा। लेकिन अगर 600 वाला सीधे दिखा दिया
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जाए तो शायद महंग अलग है। शादी की शॉपिंग
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में ज्वेलर्स यही करते हैं। पहले 5 लाख का
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सेट दिखाते हैं। फिर 2 लाख का और हमें
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लगता है अरे यह तो सस्ता है। मुंगीर कहते
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हैं द प्राइस इज राइट ओनली व्हेन कंपेयर
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टू समथिंग एल्स। किसी चीज की कीमत का
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अंदाजा हमेशा किसी और चीज से तुलना करके
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ही लगता है। तो हमें इससे सीख मिलती है
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तुलना से बचना मुश्किल है। लेकिन उसके जाल
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में फंसना आपके कंट्रोल में है। पाइल्स
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नंबर 12 स्ट्रेस इनफ्लुएंस टिडेंसी।
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स्ट्रेस के समय हमारी जजमेंट और बिगड़
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जाती है। उदाहरण एग्जाम के दौरान
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स्टूडेंट्स पैनिकिक में सिल्ली मिस्टेक्स
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कर बैठते हैं। क्रिकेट में आखिरी ओवर का
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प्रेशर बॉलर से नो बॉल करवा देता है।
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मुंगेर कहते हैं अंडर स्ट्रेस पीपल्स
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कॉग्निशन एंड जजमेंट डिटरेट ड्रामेटिकली।
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तनाव में इंसान की सोच और निर्णय क्षमता
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बुरी तरह बिगड़ जाती है। सीख जब प्रेशर हो
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तो पहले शांत हो जाओ। डिसीजन बाद में
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लेना। दोस्तों, इस पार्ट में हमने देखा कि
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कैसे हमारी मान्यताएं, जलन, तनाव और माहौल
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हमें मैनपुलेट करते हैं। यह बायसेस इतने
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सल हैं कि हमें लगता है कि हम खुद फैसला
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ले रहे हैं। लेकिन असल में डिसीजन पहले ही
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हाईजैक हो चुका होता है। सोचिए अगर आपको
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यह बायसेस पता हो तो आप अपने करियर,
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बिजनेस और रिलेशनशिप्स में कितनी बड़ी
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गलतियों से बच सकते हो। और अब पार्ट थ्री
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में हम और भी शॉकिंग बायसेस देखेंगे। जैसे
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लॉस का डर, ओवर ऑप्टिमिज्म, ड्रग्स और
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अल्कोहल का प्रभाव और सेल्फ सर्विंग बायस।
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यह वह चीजें हैं जो इंसान को अक्सर अपनी
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ही बर्बादी की ओर धकेल देती है।
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पार्ट थ्री में मैं आपको दिखाऊंगा कि
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क्यों ₹100 का नुकसान हमें ₹100 के लाभ से
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ज्यादा दर्द देता है और कैसे यही बायस
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निवेशकों और आम लोगों दोनों की जिंदगी को
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बर्बाद कर देता है।
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जरा सोचिए आपके सामने दो ऑप्शंस रखे गए
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हैं। पहला आपको ₹100 का गारंटेड फायदा
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मिलेगा। दूसरा आपके पास 50% चांस है ₹200
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जीतने का और 50% चांस है कुछ ना मिलने का।
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अधिकतर लोग पहला ऑप्शन चुनेंगे। लेकिन अगर
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यही सवाल लॉस के साथ पूछा जाए आपको ₹100
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का गारंटेड नुकसान होगा। आपके पास 50%
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चांस है ₹200 का नुकसान झेलने का और 50%
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चांस है बिल्कुल लॉस ना होने का। अब
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ज्यादातर लोग दूसरा ऑप्शन चुनेंगे। क्यों?
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क्योंकि लॉस का दर्द गेन की खुशी से कहीं
16:06
ज्यादा बड़ा होता है। चार्ली मुंगेर हमें
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यह समझाते हैं कि इंसान की सोच कितनी
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आसमान है और इसी बायस की वजह से हम
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बार-बार ऐसे फैसले लेते हैं जो लॉन्ग टर्म
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में हमारे खिलाफ जाते हैं। मुंह कहते हैं
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द लॉस ऑफ समथिंग यू ऑलरेडी हैव कैन हर्ट
16:26
मोर देन द गेन ऑफ द वेरी सेम थिंग। जो चीज
16:30
आपके पास पहले से है उसे खोने का दर्द उसी
16:33
चीज को पाने की खुशी से कहीं ज्यादा होता
16:35
है। बायस 13 डिप्र्राइवल सुपर रिएक्शन
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टेंडेंसी यानी नुकसान का डर। यह बायस हम
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सबकी जिंदगी में रोज देखने को मिलता है।
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मान लीजिए Flipkart पर कोई मोबाइल 20,000
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का है। आपको दिखाया जाता है ऑफर एंड्स इन
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2 आवर्स। अब आप पैनिकिक में आकर खरीद लेते
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हो। क्यों? क्योंकि आपको लगता है कि अगर
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डील छूट गई तो आप कुछ खो देंगे। शेयर
16:59
मार्केट में भी यही होता है। अगर किसी
17:01
स्टॉक की कीमत गिरने लगती है तो
17:03
इन्वेस्टर्स उसे लॉस में बेचने के बजाय
17:06
होल्ड करते रहते हैं। वह सोचते हैं अगर
17:08
मैंने बेच दिया तो लॉस कंफर्म हो जाएगा।
17:12
पर कई बार यही वेट और ज्यादा नुकसान करवा
17:15
देता है। उंगेल कहते हैं पीपल रिएक्ट विद
17:18
इररेशनल इंटेंसिटी टू हिम स्मॉल लॉसेस और
17:22
थ्रेटन लॉसेस। लोग छोटे से छोटे नुकसान या
17:26
उसके खतरे पर भी बेवकूफी भरी तीव्र
17:29
प्रतिक्रिया देते हैं। इससे हमें सीख
17:33
मिलती है कि नुकसान से बचने की बजाय
17:35
लॉजिकली सोचो। रिस्क को समझो डर के हिसाब
17:38
से नहीं। पाइल्स नंबर 14 ओवर ऑप्टिमिज्म
17:42
टेंडेंसी बेहद आशावाद। हम इंसान अक्सर
17:46
अपनी एबिलिटीज और फ्यूचर को लेकर ज्यादा
17:48
ऑप्टिमिस्टिक रहते हैं। उदाहरण कितने ही
17:51
लोग जिम की एनुअल मेंबरशिप ले लेते हैं
17:53
सोचकर कि इस बार तो मैं डेली जाऊंगा लेकिन
17:56
90% लोग एक महीने बाद ही छोड़ देते हैं।
17:58
स्टार्टअप कल्चर में भी यही होता है। एंड
18:00
तो प्रेर सोचते हैं मेरा आईडियल यूनिक है।
18:03
यह जरूर चलेगा। लेकिन आंकड़े कहते हैं कि
18:05
80% स्टार्टअप्स 5 साल में बंद हो जाते
18:08
हैं। मुंगेर कहते हैं एक्सेसिव ऑप्टिमिज्म
18:11
इज अ नॉर्मल ह्यूमन कंडीशन स्पेशली इन द
18:14
यंग एंड एंबिशियस। अत्यधिक आशावाद एक
18:18
सामान्य मानवीय स्थिति है। खासकर युवाओं
18:20
और महत्वाकांक्षी लोगों में। सपने देखना
18:24
जरूरी है लेकिन आंखें बंद करके नहीं। बायस
18:28
15 इन्फ्लुएंस ऑफ ड्रग्स एंड अल्कोहल। नशे
18:31
का प्रभाव। यह बायस डेंजरस है क्योंकि यह
18:36
सीधे दिमाग की जजमेंट पावर को डिस्ट्रॉय
18:38
करता है। उदाहरण इंडिया में रोड
18:40
एक्सीडेंट्स का बड़ा कारण है ड्रंक
18:42
ड्राइविंग। शराब पीने के बाद इंसान को
18:44
लगता है कि वह और ज्यादा कॉन्फिडेंट है।
18:46
जबकि असल में उसकी रिफ्लेक्सेस धीमी हो
18:49
जाती हैं। कॉलेज स्टूडेंट्स में भी यही
18:51
देखा जाता है। पार्टी के समय अल्कोहल
18:53
इनफ्लुएंस में लिए गए डिसीजंस अगले दिन
18:55
रिग्रेट में बदल जाते हैं। मुंगेर कहते
18:58
हैं एडिक्शन डिस्ट्रॉय जजमेंट एंड बैड
19:01
जजमेंट क्रिएट्स मोर एडिक्शन।
19:04
लत इंसान की समझ को नष्ट कर देती है और
19:07
खराब समझ और ज्यादा लत पैदा करती है। तो
19:11
इससे हमें सीख मिलती है कि टेंपरेरी हाई
19:14
परमानेंट लॉस बन जाता है। पाइस नंबर 16
19:18
सेल्फ सर्विंग पाइस अपने आप को सही मानना।
19:22
यह पायस इतना कॉमन है कि शायद अभी आप भी
19:25
इसे कर रहे हो।
19:27
हम इंसान हमेशा अपने फायदे और ईगो के
19:30
हिसाब से चीजों को देखते हैं। अगर एग्जाम
19:32
में मार्क्स अच्छे आए तो हम कहते हैं मेरी
19:34
मेहनत
19:36
थी। मैंने मेहनत की। अगर मार्क्स खराब आए
19:38
तो हम कहते हैं टीचर ने अनफेयर चेकिंग की।
19:41
वर्क प्लेस में भी यही होता है। अगर
19:42
प्रोजेक्ट सक्सेसफुल हो गया तो बॉस कहेगा
19:45
मेरी लीडरशिप का कमाल है। अगर फेल हो गया
19:47
तो ब्लेम एम्प्लाइजस पर डाल देगा। मुंगीर
19:51
कहते हैं व्हाट ह्यूमन बीइंग्स आर बेस्ट
19:53
एट इंटरप्रिटिंग ऑल न्यू इन सो दैट दे
19:56
प्रायर कंक्लूज रिमेन इंटैक्ट। इंसान की
19:59
सबसे बड़ी आदत यह है कि वो हर नई जानकारी
20:02
को इस तरह घुमा देता है कि उसकी पुरानी
20:05
सोच सही लगे। सच को अपनी कन्वीनियंस के
20:08
हिसाब से मत मोड़ो। वरना सच्चाई कभी आपको
20:12
नहीं छोड़ेगी। पाइस नंबर 17 कंट्रास्ट
20:16
बिटवीन रिवार्ड एंड पनिशमेंट। लालच और डर
20:19
का मिश्रण कभी-कभी रिवार्ड्स और
20:21
पनिशमेंट्स का कॉम्बिनेशन इतना स्ट्रांग
20:25
होता है कि इंसान ऑलमोस्ट हिप्नोटाइज हो
20:27
जाता है। उदाहरण कॉर्पोरेट जॉब्स में
20:30
एंप्लई ऑफ द मंथ का टाइटल दो और साथ में
20:33
वार्निंग लेटर की सिस्टम भी रखो। अब
20:36
एंप्लाइजज़ रिवार्ड पाने और पनिशमेंट से
20:38
बचने के बीच पूरी तरह कंट्रोल में आ जाते
20:40
हैं। मुंगेर कहते हैं अ कॉम्बिनेशन ऑफ
20:42
रिवार्ड एंड पनिशमेंट इज ऑफन मोर पावरफुल
20:45
देन इदर अलोन। पुरस्कार और दंड का मिश्रण
20:49
अकेले किसी एक से कहीं ज्यादा शक्तिशाली
20:52
होता है। सीख अगर आपको लगता है आप फ्री
20:55
डिसीजन ले रहे हो पहले चेक कर रहे हो कहीं
20:58
आप रिवार्ड पनिशमेंट ट्रैप में तो नहीं।
21:02
दोस्तों, पार्ट थ्री में हमने सीखा कि
21:05
कैसे नुकसान का डर, बेवजह का ऑप्टिमिज्म,
21:07
नशे का असर और सेल्फ ड्राइविंग बायस हमारी
21:10
जिंदगी को डायरेक्शनलेस कर सकते हैं। यह
21:12
बायसेस इतने गहरे हैं कि इंसान अक्सर अपनी
21:15
बर्बादी खुद ही चुन लेता है और उसे सही
21:18
निर्णय मानकर जस्टिफाई करता है। सोचिए अगर
21:21
आप इन बायसेस को पहचानना सीख गए तो आप
21:24
अपनी जिंदगी की गाड़ी स्टीयरिंग व्हील से
21:26
चला सकते हो। दोस्तों पार्ट थ्री में हमने
21:30
सीखा कि कैसे नुकसान का डर
21:34
बेवजह का ऑप्टिमिज्म नशे का असर और सेल्फ
21:36
सर्विंग बायस हमारी जिंदगी को
21:38
डायरेक्शनलेस कर सकते हैं। यह बायसेस इतने
21:41
गहरे हैं कि इंसान अक्सर अपनी बर्बादी खुद
21:44
ही चुन लेता है और उसे सही निर्णय मानकर
21:46
जस्टिफाई करता है। सोचिए अगर आप इन बायसेस
21:49
को पहचानना सीख गए तो आप अपनी जिंदगी की
21:51
गाड़ी स्टीयरिंग व्हील से चला सकते हो ना
21:54
कि ब्लाइंड ऑटो पायलट मोड पर और अब पार्ट
21:56
फार में फोर में हम पहुंचेंगे इस पूरी
21:59
जर्नी के ग्रैंड फिनाले पर जहां चार्ली
22:01
मुंगेर बताते हैं कि कैसे इन सभी बायसेस
22:03
को एक साथ समझकर हम जिंदगी में
22:05
एक्स्ट्राऑर्डिनरी डिसीजंस ले सकते हैं।
22:08
यानी यह सिर्फ गलतियों से बचने का खेल
22:10
नहीं है बल्कि स्मार्ट और लॉन्ग टर्म विनर
22:13
बनने का असली सीक्रेट है। पार्ट फोर में
22:16
मैं आपको बताऊंगा वह अल्टीमेट तरीका जिससे
22:19
चार्ली मुंगेर और वारेन बफेट ने बाइसेस को
22:22
मात देकर करोड़ों डॉलर बनाए और आप इसे
22:25
अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे अप्लाई
22:28
कर सकते हैं।
22:30
दोस्तों अब तक आपने तीन पार्ट्स में सीखा
22:34
कि कैसे अलग-अलग बाईसेस हमें बार-बार
22:36
बेवकूफ बनाते हैं। लेकिन अब सवाल यह है हम
22:40
इससे बाहर कैसे निकले। सिर्फ बायस को जान
22:43
लेना काफी नहीं है। रियल पावर तब आती है
22:46
जब आप इन्हें पहचान कर अपनी जिंदगी, करियर
22:49
और रिलेशनशिप्स में प्रैक्टिकली इस्तेमाल
22:52
करना सीख जाते हो। चार्ली मुंगेर कहते
22:54
हैं, इफ यू वांट टू राइट बीइंग स्टूपिड,
22:57
यू नीड टू अंडरस्टैंड वेयर पीपल गो रॉन्ग।
22:59
अगर आप मूर्खता से बचना चाहते हैं, तो
23:02
आपको समझना होगा कि लोग कहां गलत चाहते
23:05
हैं। यानी विज़डम का असली खेल है गलतियों
23:07
से बचना। और आज इस फाइनल पार्ट में हम यही
23:11
समझेंगे। बायस नंबर 18 एक्सेसिव सेल्फ
23:14
रिगार्ड टडेंसी अपने को सबसे ऊपर मानना।
23:18
हम सबको लगता है कि हम दूसरों से थोड़े
23:20
बेटर हैं। स्टूडेंट को लगता है वो क्लास
23:23
में सबसे स्मार्ट है। ड्राइवर को लगता है
23:25
वो सबसे सेफ ड्राइवर है। लेकिन स्ट्स कहते
23:27
हैं 90% लोग खुद को अबव एवरेज मानते हैं।
23:31
जबकि सच में सभी नहीं हो सकते। मुंगीर
23:34
कहते हैं एन एक्सेस ऑफ सेल्फ रिगार्ड इज अ
23:37
स्टैंडर्ड कॉज ऑफ ह्यूमन एरर। ज्यादा आत्म
23:40
गौरव इंसान गलती का सामान्य कारण है। सीख
23:45
खुद पर भरोसा रखो लेकिन ओवर कॉन्फिडेंस
23:48
में अंधे मत बनो। बायस नंबर 19 इंसेंटिव
23:52
कॉस्ट बायस। लालच का जाल। मुंगेर बार-बार
23:56
इंसेंटिव्स पर जोर देते हैं क्योंकि इंसान
23:58
का बिहेवियर सबसे ज्यादा इंसेंटिव्स से
24:00
प्रभावित होता है। अगर आप किसी एजेंट को
24:02
कमीशन बेस्ड पेमेंट देते हो तो वह हमेशा
24:05
आपको वही प्रोडक्ट पुश करेगा जिससे उसे
24:08
ज्यादा कमीशन मिले। मुंगीर कहते हैं नेवर
24:11
एवर थिंक अबाउट समथिंग एल्स व्हेन यू शुड
24:14
बी थिंकिंग अबाउट इंसेंटिव्स। जब आपको
24:16
इंसान के व्यवहार को समझना हो तो हमेशा
24:19
उसके इंसेंटिव्स पर ध्यान दो। किसी का
24:22
असली ट्रुथ उसके वर्ड्स में नहीं उसके
24:25
इंसेंटिव्स में छिपा होता है। बायस नंबर
24:29
20 इनफ्लुएंस फ्रॉम मेयर एसोसिएशन सिर्फ
24:32
एसोसिएशन से असर। अगर किसी प्रोडक्ट को
24:35
सेलिब्रिटी इंडोर्स कर दे तो हमें लगता है
24:38
प्रोडक्ट अच्छा होगा। सच यह है कि
24:40
प्रोडक्ट और सेलिब्रिटी के बीच कोई रियल
24:42
कनेक्शन नहीं होता। उदाहरण इंडिया में जब
24:45
किसी क्रिकेट स्टार ने टूथपेस्ट का ऐड
24:48
किया तो सेल्स बढ़ गई। लेकिन क्या सच में
24:51
क्रिकेटर को टूथपेस्ट साइंस आती है? नहीं।
24:54
मुंगेर कहते हैं पीपल आर मैनपुलेटेड बाय
24:58
मेयर एसोसिएशन विदाउट रियलाइजिंग इट। लोग
25:01
सिर्फ एसोसिएशन से मैनपुलेट हो जाते हैं।
25:05
बिना समझे सीख। कौन कह रहा है यह ज्यादा
25:08
जरूरी है। क्या कह रहा है वो जानना जरूरी
25:11
है। बायस नंबर 21 सिंपल पेन अवॉयडिंग
25:16
साइकोलॉजिकल डिनाइयल। सच से भागना। जब कोई
25:19
रियलिटी हमें हर्ट करती है तो हम उससे
25:21
बचने के लिए डिनाइल मोड में चले जाते हैं।
25:23
लेकिन यही डिनायल हमें और बड़ी समस्याओं
25:26
में फंसा देता है। किसी बिजनेसमैन को समझ
25:29
आता है कि उसका बिजनेस मॉडल फेल हो रहा है
25:31
लेकिन वह मानता नहीं। डिनाइल में वो और
25:34
पैसा लगाता है और पूरा डूब जाता है।
25:37
मुंगीर कहते हैं डिनाइल इज द नेचुरल
25:40
रिस्पांस व्हेन रियलिटी इज टू पेनफुल टू
25:42
बियर। जब सच बहुत तकलीफ देह हो तो उसे
25:46
नकारना इंसान की सामान्य प्रतिक्रिया है।
25:49
सच से भागोगे तो वह और बड़ा होकर सामने
25:52
आएगा। बायस नंबर 22 द गैंबलिंग कंपल्शन
25:56
जुआ मानसिकता। इंसान को अनसर्टेनिटी में
25:59
मजा आता है। यही कारण है कि लोग लॉटरी
26:02
खरीदते हैं। कैसिनोस जाते हैं या स्टॉक
26:04
मार्केट पर बिना रिसर्च पैसे डालते हैं।
26:06
आईपीएल बैटिंग, क्रिप्टो गैंबलिंग, ऑनलाइन
26:08
गेमिंग इन सबका आधार यही बायस है। मुंगेर
26:12
कहते हैं, द डिजायर टू गैंबल इज अ वेरी
26:14
पावरफुल साइकोलॉजिकल फोर्स। जुआ खेलने की
26:17
इच्छा एक बहुत शक्तिशाली मानसिक ताकत है।
26:21
अगर आपको लगता है कि आप सिस्टम को बीट कर
26:23
देंगे तो याद रखिए सिस्टम ने ही आपको
26:26
खेलने पर मजबूर किया है। बायस नंबर 23
26:32
लोला पलूजा इफेक्ट जब सारे बायसेस मिलकर
26:36
काम करें। मंगर का फेवरेट कांसेप्ट है
26:39
लोला पुलूजा इफेक्ट यानी जब कई बायसेस एक
26:43
साथ मिलकर इंसान की पूरी तरह कंट्रोल कर
26:45
लेते हैं। उदाहरण एक शॉपिंग मॉल में सेल
26:47
चल रही है। बाय वन गेट वन फ्री
26:49
रेसिप्रोकेशन बाय। ऑफर वैलिड टिल मिडनाइट
26:52
डिप्र्राइवल बाय। सेल इट एंडोर्सिंग द
26:54
ब्रांड एसोसिएशन बाय। फ्रेंड्स भी वही
26:56
खरीद रहे हैं सोशल प्रूफ वाइज। अब कस्टमर
27:00
ऑलमोस्ट हिप्नोटाइज्ड हो जाता है और बिना
27:02
सोचे समझे खरीद लेता है। मुंगीर कहते हैं
27:05
व्हेन सेवरल साइकोलॉजिकल टेंडेंसी कंबाइंड
27:08
द आउटकम कैन बी एक्सट्रीम। जब कई मानसिक
27:11
प्रवृत्तियां एक साथ काम करती है तो नतीजा
27:14
बेहद चरम हो सकता है। इससे हमें सीख मिलती
27:18
है कि असली खतरा तब है जब बाईसेस अकेली
27:20
नहीं बल्कि साथ में हमला करें। तो कैसे
27:22
बचे? अब मुंगेर का स्यूशन मुंगेर सिर्फ
27:25
समस्या नहीं बताते वो स्यूशन भी देते हैं।
27:28
उनका मानना है कि आपको मेंटल मॉडल्स बनाने
27:31
चाहिए। मतलब अलग-अलग डिसिप्लिन साइकोलॉजी,
27:34
इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री, बायोलॉजी से सीखो
27:36
और सिचुएशंस को मल्टी एंगल से देखो।
27:39
मुंगीर कहते हैं, द मोर मॉडल्स यू हैव, द
27:41
मोर लाइकली यू आर टू मेक बेटर जजमेंट्स।
27:44
आपके पास जितने ज्यादा मॉडल्स होंगे, आपके
27:46
निर्णय उतने ही अच्छे होंगे। प्रैक्टिकली
27:49
इसको कैसे करें? अपने निर्णयों की चेक
27:52
लिस्ट से गुजारो। हर बड़े डिसीजन पर खुद
27:55
से पूछो। क्या मैं किसी बायस के जाल में
27:57
तो नहीं फंस रहा? लॉन्ग टर्म सोचना सीखो।
28:00
शॉर्ट टर्म लालच से बचो। नॉलेज पावर नहीं
28:03
है। अप्लाइड नॉलेज ही असली पावर है।
28:06
दोस्तों पूरी बुक का सार यही है। स्मार्ट
28:09
बनने से ज्यादा जरूरी है स्टूबड ना बनना।
28:12
अगर आप सिर्फ इतना कर लो कि बार-बार
28:14
गलतियां ना दोहराओ तो आप ऑटोमेटिकली एवरेज
28:17
से ऊपर उठ जाओगे। मंगेर और बफेट की सफलता
28:20
का राज यही है। उन्होंने
28:22
एक्स्ट्राऑर्डिनरी बनने की कोशिश नहीं की।
28:24
उन्होंने बस कॉमन बायस से बचकर
28:26
कंसिस्टेंटली सही डिसीजन लिए। मुंगीर कहते
28:30
हैं इट्स नॉट ब्रिलियंस। इट्स अवॉयडिंग
28:31
स्टूपिडिटी। यह कोई असाधारण बुद्धिमता
28:35
नहीं है। यह सिर्फ मूर्खता से बचना है।
28:37
जिंदगी में जीतने का सबसे आसान तरीका है।
28:40
गलतियों को पहचानो। उनसे बचो और बाकी लोग
28:43
अपने ही जाल में फंसते रहेंगे। तो
28:45
दोस्तों, यह था चार्ली मुंगेर की
28:47
लेजेंड्री लेक्चर, द साइकोलॉजी ऑफ ह्यूमन
28:50
मिसजमेंट का पूरा सफर। हमने 25 से ज्यादा
28:53
बायसेस देखे और सीखा कि कैसे यह हमारे
28:55
दिमाग को मैनपुलेट करते हैं। अगर आपको यह
28:57
सीरीज पसंद आई है तो याद रखिए। अगली बार
29:00
जब कोई बड़ा डिसीजन लो पॉज करो, चेक करो।
29:04
कहीं मैं किसी बायस के ट्रैप में तो नहीं।
29:07
और अगर बच गए तो समझो आपने दुनिया को बीट
29:09
कर दिया। मुंगेर की तरह सोचो। बी
29:12
कंसिस्टेंटली नॉट स्टूपिड